पेट्रोल-डीजल का बड़ा धमाका! प्राइवेट पंप पर ₹5 तक सस्ता, सरकारी कंपनियों की पोल खुली | Petrol-Diesel Price Today

क्या आपको पता है कि प्राइवेट कंपनियां पेट्रोल-डीजल सरकारी कंपनियों से सस्ते दामों पर बेच रही हैं? अगर नहीं, तो यह खबर आपको चौंका सकती है। देश में तेल के दामों को लेकर हमेशा बहस होती रहती है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। जहां सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों को बनाए रख रही हैं, वहीं प्राइवेट कंपनियां इन्हें ₹5 तक सस्ता बेच रही हैं। सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो रहा है और इससे आम जनता को कितना फायदा होगा? आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।

प्राइवेट कंपनियों के पेट्रोल-डीजल के दाम सरकारी कंपनियों से कम क्यों?

देश में तीन बड़ी सरकारी तेल कंपनियां – इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम हैं, जो अधिकतर पेट्रोल पंपों का संचालन करती हैं। इन कंपनियों द्वारा तय किए गए दाम देशभर में लागू होते हैं।

वहीं, प्राइवेट कंपनियां जैसे रिलायंस, नायरा एनर्जी और शेल अपने खुद के दाम तय करती हैं। चूंकि ये कंपनियां अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर कीमतों में बदलाव करती हैं, इसलिए वे बाजार में कम कीमतों पर तेल उपलब्ध करा सकती हैं।

सरकारी कंपनियों पर सरकार का दबाव रहता है कि वे कीमतों में स्थिरता बनाए रखें, जबकि प्राइवेट कंपनियां मुनाफे के हिसाब से दाम घटा-बढ़ा सकती हैं। यही कारण है कि कई शहरों में प्राइवेट पेट्रोल पंपों पर तेल सरकारी पंपों से ₹5 तक सस्ता मिल रहा है।

कौन-कौन से शहरों में सस्ता मिल रहा है पेट्रोल-डीजल?

देशभर में कई जगहों पर प्राइवेट कंपनियों के पेट्रोल पंपों पर सरकारी रेट से सस्ता पेट्रोल-डीजल मिल रहा है। कुछ प्रमुख शहरों की बात करें तो:

शहर का नामप्राइवेट पंप पर सस्ता पेट्रोल (₹/लीटर)सरकारी रेट (₹/लीटर)अंतर (₹/लीटर)
दिल्ली94.5099.004.50
मुंबई96.00101.005.00
कोलकाता95.00100.005.00
बेंगलुरु93.5098.505.00

इस टेबल से साफ जाहिर है कि कई बड़े शहरों में प्राइवेट कंपनियां सरकारी दामों से ₹4-₹5 तक कम कीमत पर पेट्रोल-डीजल बेच रही हैं।

सरकारी कंपनियां क्यों नहीं घटा रहीं दाम?

अगर प्राइवेट कंपनियां सस्ता पेट्रोल-डीजल बेच सकती हैं, तो सरकारी कंपनियां दाम क्यों नहीं घटा रही हैं? इसका सीधा जवाब है – सरकार की टैक्स नीति और कंपनियों का मुनाफा।

सरकारी तेल कंपनियां सरकार के नियंत्रण में होती हैं और उन्हें मुनाफा कमाने के लिए कीमतें स्थिर रखनी पड़ती हैं। कई बार सरकार टैक्स घटाकर आम जनता को राहत देती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। यही कारण है कि सरकारी कंपनियों ने कीमतें नहीं घटाई हैं, जबकि प्राइवेट कंपनियां स्वतंत्र रूप से अपने दाम कम कर रही हैं।

क्या सरकार को दाम कम करने चाहिए?

बिल्कुल! अगर सरकार टैक्स में कटौती करे या सरकारी तेल कंपनियां अपने दाम घटाएं, तो आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि, यह पूरी तरह से सरकार की नीति पर निर्भर करता है।

सरकार का कहना है कि तेल कंपनियों को पिछले साल के नुकसान की भरपाई करनी है, इसलिए वे फिलहाल दाम कम नहीं कर रही हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब प्राइवेट कंपनियां कम दाम में पेट्रोल-डीजल बेच सकती हैं, तो सरकारी कंपनियां ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं?

जनता को क्या करना चाहिए?

अगर आपके शहर में प्राइवेट कंपनियों के पेट्रोल पंप हैं और वे सस्ता तेल दे रहे हैं, तो वहीं से पेट्रोल-डीजल भरवाना समझदारी होगी। इससे न सिर्फ आपके पैसे बचेंगे, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बनी रहेगी।

निष्कर्ष

देशभर में प्राइवेट तेल कंपनियों ने सरकारी कंपनियों को टक्कर देते हुए पेट्रोल-डीजल को ₹5 तक सस्ता कर दिया है। जबकि सरकारी तेल कंपनियां अब भी पुराने दाम पर पेट्रोल-डीजल बेच रही हैं, जिससे जनता को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। अगर सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती, तो हो सकता है कि आने वाले समय में जनता प्राइवेट पंपों की ओर ज्यादा आकर्षित हो जाए।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी कंपनियां अपने दाम कम करेंगी या फिर जनता को महंगे दामों पर तेल खरीदना जारी रखना पड़ेगा।

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